Aja Ekadashi Vrat Katha – भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी अजा एकादशी के नाम से जानी जाती है। इस दिन की एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु जी की पूजा का विधान होता है। आए जानते है अजा एकादशी व्रत की विधि, कथा और इसके महत्व के बारे में।
अजा एकादशी व्रत विधि | Aja Ekadashi Vrat Vidhi
अजा एकादशी का व्रत करने के लिए उपरोक्त बातों का ध्यान रखने के बाद व्यक्ति को एकाद्शी तिथि के दिन शीघ्र उठना चाहिए। उठने के बाद सारे घर की सफाई करनी चाहिए और इसके बाद तिल और मिट्टी के लेप का प्रयोग करते हुए, कुशा से स्नान करना चाहिए। स्नान आदि कार्य करने के बाद, भगवान श्री विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए।
अजा एकादशी व्रत कथा | Aja Ekadashi Vrat Katha
प्राचीनकाल में हरिशचंद्र नामक एक चदक्रवर्तीं राजा राज्य करता था। उसने किसी कर्म के वशीभूत होकर अपना सारा राज्य व धन त्याग दिया, साथ ही अपनी स्त्री, पुत्र तथा स्वयं को बेच दिया। वह राजा चांडाल का दास बनकर सत्य को धारण करता हुआ मृतको का वस्त्र ग्रहण करता रहा। मंगर किसी प्रकार से सत्य से विचलित नहीं हुआ। कई बार राजा चिंता के समुद्र में ड्बकर अपने मन में विचार करने लगता कि मैं कहाँ जाऊँ, व्या करू, जिससे मेरा उद्धार हो।
इस प्रकार राजा को कई वर्ष बीत गए। एक दिन राजा इसी चेंता में बैठा हुआ था कि गौतम ऋषि आ गए। राजा ने उन्हें देखकर प्रणाम किया और अपनी सारी दुःखभरी कहानी कह सुनाई। यह बात सुनकर गौतम ऋषि कहने लगे कि राजन तुम्हारे भाग्य से आज से सात दिन बाद भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अजा नाम की एकादशी आएगी, तुम विधिपूर्वक उसका व्रत करो। गौतम ऋषि ने कहा कि इस व्रत के पुण्य प्रभाव से तुम्हारे समस्त पाप नष्ट हो जाएँगे।
इस प्रकार राजा से कहकर गौतम ऋषि उसी समय अंतध्यान हो गए। राजा ने उनके कथनानुसार एकादशी आने पर विधिपूर्वक व्रत व जागरण किया। उस व्रत के प्रभाव से राजा के समस्त पाप नष्ट हो गए। स्वर्ग से बाजे बजने लगे और पुष्पों की वष्ष होने लगी। उसने अपने मृतक पुत्र को जीवित और अपनी स्त्री को वस्त्र तथा आभूषणों से युक्त देखा। व्रत के प्रभाव से राजा को पुन: राज्य मिल गया। अंत में वह अपने परिवार सहित स्वर्ग को गया।
अजा एकादशी का महत्व । Aja Ekadashi Ka Mahatva
अजा एकादशी का महत्व यह है कि इससे सब प्रकार के समस्त पापों का नाश हो जाता है। जो मनुष्य इस दिन भगवान ऋषिकेश की पूजा करता है उसको वैकंठ की प्राप्ति अवश्य होती है। इस उपवास के फलस्वरुप मिलने वाले फल अश्वमेघ यज्ञ, कठिन तपस्या, तीर्थों में स्नान-दान आदि से मिलने वाले फलों से भी अधिक होते है। यह उपवास, मन निर्मल करता है, हृदय शुद्ध करता है तथा सदमार्ग की ओर प्रेरित करता है।
FAQs About Aja Ekadashi Vrat Katha
Q1. अजा एकादशी कब है 2022?
23 अगस्त, मंगलवार 2022
Q2. अजा एकादशी में क्या खाना चाहिए?
अजा एकादशी में बादाम तथा छुआरे खा सकते है। हमें इस दिन मसूर की दाल, चने नहीं खाने चाहिए।
Q3. अजा एकादशी का क्या महत्व है?
अजा एकादशी का महत्व यह है कि इससे सब प्रकार के समस्त पापों का नाश हो जाता है। जो मनुष्य इस दिन भगवान ऋषिकेश की पूजा करता है उसको वैकंठ की प्राप्ति अवश्य होती है।